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Thursday, February 28, 2019

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Friday, November 23, 2018

केवल चलकर ही आप दूर कर सकते हैं डिप्रेशन और तनाव

शहरीकरण के दौर में इंसान और उसके जीवन का विकास हुआ है कि नहीं ये बाद की बात है... लेकिन इतना जरूर है कि इससे इंसान तनाव तनाव और डिप्रेशन जरूर घिर गया है। शहरों में रहने वाले अधिकतर लोग डिप्रेशन और तनाव से ग्रस्त हैं। ऐसे में कोई इससे बचने के लिए लेट नाइट पार्टी कर रहा है तो कोई काउंसलर की मदद ले रहा है। वहीं कुछ लोग अल्कोहल या दवाईयों का सेवन कर रहे हैं। जबकि इसका इलाज आपके चलने में छुपा है।

रोजाना चलें

चलना वैसे भी सेहतमंद है और चलने से इंसान फिट भी रहता है। लेकिन क्या आपको मालुम है कि चलने से इंसान खुश भी रहता है। जी हां, कम ही लोग जानते हैं कि चलने-फिरने में खुशहाल रहने का राज छिपा हुआ है। हाल ही में एक रिसर्च आई है जो इस ओर इशारा करती है।

ये है रिसर्च के परिणाम

रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि, जो लोग बैठे रहते हैं उनकी तुलना में दिनभर चलने-फिरने वाले लोग ज्‍यादा खुश रहते हैं। चलना किसी भी तरह हो सकता है। चाहे इंसान जल्दी-जल्दी चलता हो या फिर रूक-रूक कर चलता हो, चलना हर तरह से फायदेमंद होता है।

इस रिसर्च को एक एप के जरिये किया गया है। इस रिसर्च के लिए के लिए लोगों के मोबाइल में एक ऐप डाला गया जिससे शोधकर्ताओं ने लोगों के चलने-फिरने को नोट डाउन करते रहे। इस ऐप के जरिए शोधकर्ताओं और लोगों को भी पता चला कि कौन दिनभर में कितना चलता है और कितना खुश रहता है। इस ऐप के द्वारा लगातार 17 दिनों तक 10 हजार से अधिक लोगों की एक्टिविटी रिकॉर्ड की गई।

शोध के परिणाम में पुष्टि हुई कि जो लोग इन 17 दिनों तक चलते रहे वे ज्यादा खुश भी रहे। शोध के परिणाम के अनुसार ये चलने वाले जितना शारीरिक तौर पर एक्टिव रहे उतना ही वे मानसिक तौर पर भी एक्टिव रहे। वहीं जो लोग कम चले, वे कम खुश और कम संतुष्ट पाए गए।

अब आप खुश रहने के लिए रिसर्च के नतीजों का उदाहरण लेकर चलना फिरना शुरू कर सकते हैं जिससे आप पर भी काम का तनाव नहीं बनेगा।

मात्र 25 मिनट टहल कर बढ़ायें अपनी उम्र

रोज टहलना बहुत फायदेमंद है और इससे उम्र भी बढ़ती है। हाल ही में हुए एक शोध की मानें तो नियमित रूप से मात्र 25 मिनट टहलने से सात साल उम्र बढ़ती है। यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी में जारी की गई एक स्टडी की मानें तो रोज व्‍यायाम करके दिल के दौरे की संभावना को कम किया जा सकता है।



हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सिर्फ 25 मिनट टहल कर आपकी उम्र 7 साल तक बढ़ सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार रोजाना थोड़ी सी कसरत कर दिल का दौरा पड़ने की संभावना को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।

इस शोध के लिए जर्मनी के सारलैंड यूनिवर्सिटी में 30 से 60 साल के 69 स्वस्थ लोगों पर शोध किया गया, जो रोज कसरत नहीं करते थे। बुढ़ापे को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन रोजाना की कसरत से उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम किया जा सकता है। इस तरह लोग 70 की उम्र में भी जवान दिख सकते हैं और 90 साल तक जी भी सकते हैं।

इस शोध के अनुसार सभी को रोजाना कम से कम 20 मिनट तक जरूर टहलना चाहिए और खान-पान का भी विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। कसरत करने से दिमाग भी अच्छी तरह से काम करता है।

रोज 30 मिनट व्‍यायाम करने से कम होता है बीमारियों का खतरा

रोज 30 मिनट व्‍यायाम करने से कम होता है बीमारियों का खतरा

नियमित एक्सरसाइज सेहत के लिये बेहद फायदेमंद होती है।

रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज से बीमारियों से बचाव होता है।

इससे कोलोरेक्टल या बॉवेल कैंसर की आशंका बेहद कम होती है।

यह शोध 'ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन' में प्रकाशित हुआ।

नियमित एक्सरसाइज सेहत के लिये बेहद फायदेमंद होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना 30 मिनट तक एक्सरसाइज करने से आपको बीमारियां होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। जी हां हाल ही में ब्रिटेन में हुए एक शोध की के अनुसार हफ्ते में 6 दिन आधा घंटा व्‍यायाम करने से मौत का जोखिम कम होता है। केवल रोज आधा घंटा व्यायाम करने से आप दिल की बीमारियों, कैंसर व अन्य कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से अपना बचाव कर सकते हैं।

इस शोध के अनुसार बुजुर्ग व्यक्ति यदि हफ्ते में में 6 दिन रोज 30 मिनट एक्सरसाइज करें, तो उनकी मृत्यु का जोखिम 40% तक कम हो जाता है। कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में ये पाया गया कि हल्की एक्सरसाइज, इंटेंस एक्सरसाइज की तुलना में ज्यादा प्रेरणादायक होती है।


शोध के परिणामों के अनुसार बुजुर्गों को एक्सरसाइज के लिये प्रेरित व उत्साहित करना उनके स्वास्थ्य के लिए उतना ही अच्छा है, जितना धूम्रपान को छोड़ना। यह शोध 'ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन' में प्रकाशित हुआ।

एंडोमेट्रियल कैंसर

येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने अपने एक अध्ययन के आधार पर बताया कि जो महिलाएं हफ्ते में 150 मिनट तक एक्सरसाइज करती हैं, उनमें एंडोमेट्रियल (गर्भाशय) कैंसर का जोखिम 34 प्रतिशत कम होता है। शोधकर्ताओं ने शओध में पाया कि जिन महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से कम होता है, उनमें इस बीमारी का खतरा 73 प्रतिशत कम हो जाता है। बीएमआई को संतुलित रखने में एक्सरसाइज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

कोलोरेक्टल या बॉवेल कैंसर

वो लोग जो प्रतिदिन 30 मिनट या इससे ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं, उनमें आंतों के कैंसर अर्थात कोलोरेक्टल या बॉवेल कैंसर की आशंका बेहद कम होती है। कुछ समय पहले ही ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई।

लंग कैंसर

यूनिवर्सिटी ऑफ मिनीसोटा के शोधकर्ताओं ने 36,929 लोगों पर 16 साल तक किए अपने अध्ययन के आधार पर बताया कि एक्सरसाइज से लंग कैंसर अर्थात फेफड़ों के कैंसर की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार एक्सरसाइज के अलावा श्वास संबंधी योगासनों से भी इस बीमारी से बचाव होता है।


अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेनियोलॉजी ने अपने शोध में बताया कि ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोग अगर स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और रोजाना एक्सरसाइज करें तो भी वे फेफड़े के कैंसर से अपना बचाव कर सकते हैं।

7 Benefits of a Morning Walk for Your Health and Energy

I have a confession. I'm not someone who likes going to the gym.

While building a healthy lifestyle has been an important habit for me, I just don't have the time or the interest in joining one of those national gym chains.

Instead, I have found that one of the best ways to improve and maintain my health is to simply focus on walking first thing in the morning.

Walking in the morning on a regular basis will result in multiple health benefits and it is sure to enhance not only physical health but also mental and emotional well-being.

If you are curious about whether an early stroll would help your health, energy and overall well-being, check out the following seven benefits of a morning walk.

Make Walking Part of Your Perfect Morning Routine!

And discover other good habits that are part of every great day.

Learn more by downloading the checklist and free report:

The Morning Routine for Peak Performance

1. Walking gives you energy for the rest of the day.

When we take a brisk walk in the morning, we are quickly activating our body's systems. Pulse rate rapidly increases, perspiration begins to flow, and we suddenly feel a level of alertness about ourselves and our environment. Once we begin walking in the morning, this improvement in mood may last throughout the day.

In no time at all, by moving your body in the form of a morning walk, you have taken yourself from lethargy to high energy. Circulation and hormonal balance improve while your feeling of mental sharpness and general refreshment skyrocket. The trick is that by using energy to exercise, we actually become more energetic.

2. Walking in the morning removes the “I’ll do it later" excuse.
One problem many of us face with exercise generally is procrastination, which can lead to total avoidance of the exercise we so desperately need to achieve better health.

Walking in the morning creates a routine or a healthy habit that we will start to do without going through the endless mental process of questioning whether or not you “feel" like exercising.

By walking in the morning, you get your exercise out of the way first thing in your day. You have no time for procrastination if you get out the door and do the walking soon after you wake up and start your day.

3. Walking in the morning creates a positive mindset for your other important activities.

When we actually do our walking first thing in the day and finish it while the day is still young, we feel encouraged by a sense of achievement.

We feel good about ourselves once we can check the exercise box of our “to do" list. In addition, let's not forget the feeling that exercise itself can bring. Taking a brisk walk in the morning creates an energy boost, a mental sharpness and a sort of walker's “high" that comes with all vigorous exercise.

Once the walk is over, the “can do" attitude will carry over to the other things you face throughout the day. That morning walk actually creates a positive momentum going forward.

4. Walking in the morning promotes weight loss.

When it comes to burning calories, walking is your ally in the constant battle we all face in losing and/or maintaining weight.

Although the calorie burn from walking may not be as great as running, for example, the activity of walking does steadily burn calories that will contribute to weight loss. Remember to take a bottle of water with you to stay hydrated and at peak energy levels so that you can devote as much effort as possible into your morning walk.

If you walk in the morning consistently, you will see a gradual difference in weight and body composition. The beauty of walking in the morning is that most people feel it is a workout program they can stick to in the long term.

Ready to lose weight with the walking habit? Check out this Walking for Weight Loss guide.

5. Early morning exercise is good for your heart.

Walking in the morning has tremendous cardiovascular benefits. One of the greatest threats to good health is heart disease, which affects as much as 40% of the world population.

As many of us know, one of the most effective ways to avoid heart disease is to stay physically active. While many of us think that we would have to engage in more intense exercise to fight heart disease, this is absolutely not true.

Studies show that by consistently walking in the morning at a brisk pace between three to four miles per hour, we can reduce our chances of suffering from heart disease by as much as 40%.

When we do go on a brisk walk, the activity makes our hearts work a little harder, and, as a result, this essential organ becomes fitter. Studies have shown that walking lowers the risk of a second heart attack after suffering from one.

Additional benefits from walking include a lowering of blood pressure from the improved blood circulation that walking provides. Walking is a fantastic way to address high blood pressure, hypertension, heart attack and stroke risk because the activity strengthens the heart and generally improves cardiovascular health.

6. Walking in the morning has social benefits.

One of the great aspects of walking is that it can be extremely social. Even though a brisk walk can be strenuous, it is usually possible to carry on a conversation with other people while walking.

Because we all share the need to stay healthy, walking is an excellent way to spend time with friends and family by doing something together that is good for everyone.

Form a walking club with designated times to get together. Remember that by promising others you will walk with them, you also increase the chances that you will follow through and make good on your promise. This way all procrastination will be squashed and you will most likely meet your exercise goals for each and every day!

7. Morning walking give you time to plan out the day.

Your morning walk will take at least 20 minutes or as much as an hour to complete. During this time, you will have the chance to collect your thoughts about the day to come.

Many people do like to use their walking time to think through what they expect to do during the day and to prioritize what needs to be accomplished. By using the time expended while walking for day planning, many people find that they get a lot more done throughout the rest of the day.

Build the Perfect Morning Routine: Discover the 11 good habits that are part of every great day.

The Morning Routine for Peak Performance

Benefits of a Morning Walk -Conclusion

So, what do you think about a morning walk now?

Is a morning walk something you will give a chance? Can becoming a morning walker save you from the chore of going to the gym? Is it worthwhile exercise?

Tell me what you think in the comments section below and be sure to share this article with your friends if you think it would help.

Saturday, April 9, 2016

गणित विषय के स्टूडेंट्स का दर्द

गणित विषय के स्टूडेंट्स का दर्द जो आने वाले समय में उनकी डायरियों में देखने को मिलेगा :-
( कृपया अन्यथा न लें और रचनात्मकता का मज़ा लें )

1) पता नहीं कौन सी नाव थी वो जो हमेंशा कभी धारा की दिशा में तो कभी धारा के विपरीत दिशा में चलती थी, और हमारी नैया डुबा दिया करती थी।

2) एक खास ट्रेन भी हुआ करती थी जो स्टेशन A से स्टेशन B की ओर चलती थी। मैं पूरे ग्लोब और गूगल का औचक निरीक्षण कर चुका हूँ, पर ये दोनों स्टेशन आज तक नहीं मिले। कभी-कभी एक दूसरी ट्रेन भी होती थी जो स्टेशन B से स्टेशन A की तरफ चलती थी। हालांकि ये कभी नहीं बताया गया कि दोनों स्टेशनों के बीच दो ट्रैक हैं या दोनों ट्रेनें एक ही ट्रैक पर चलती हैं। पता नहीं वो पागल आदमी कौन होता था जो साला कभी इन ट्रेनों के विपरीत दौड़ता तो कभी साथ-साथ। जो भी हो, मुझे लगता है कि मुझसे भी ज्यादा बेरोजगार रहा होगा बेचारा।

3) एक बहुत भ्रष्टाचारी दूधवाला भी हुआ करता था जिसकी खोपड़ी कुछ सटकेली थी। पहले ये भाईसाहब दो छोटे कंटेनर में एक-एक करके तीन भाग दूध और एक भाग पानी मिलाते थे... फिर इस मिश्रण को एक बड़े से कंटेनर जो आधा दूध से भरा होता था, उसमें मिला दिया करते थे। इसके बाद बड़े प्रेम से पूछते थे कि अब बताओ बेटा कुल कितना भाग दूध और कितना भाग पानी है। अबे , अपना बिजनेस सीक्रेट क्यों ओपन कर रहा है बे? जाकर मफलर बाबा के पास शिकायत कर दूंगा तो साले तेरी दुकान के आगे धरने पर बैठ जाएगा। फिर बेचते रहियो दूध...

4) और सबसे मस्त तो वो चोर होता था। ये साला पूरी दुकान लूटकर ढाई बजे भागता था और एक मोटे तोंद वाला नकारा पुलिस सिपाही पैंतालीस मिनट बाद उसे पकड़ने भागता। इस पूरे काण्ड में फायदा या तो चोर को होना था, या नहीं तो सिपाही को प्रोमोशन मिलनी थी। पर सवाल हमसे तलब किये जाते कि, "बताओ पुलिस कितने घंटे बाद चोर को पकड़ेगा?" अबे मैं क्या दरोगा हूँ जो मेरे से पूछ रिये हो। सच तो ये है कि तुम्हारा सिपाही कभी नहीं पकड़ पायेगा, क्योंकि साला चोर 120 की स्पीड में कार से भागा है और तुम्हारा सिपाही 45 मिनट बाद 12 की स्पीड में पैदल। कमबख्त मारे!

5) इसी तरह एक ठेकेदार हुआ करता था। ये सज्जन रोज 20 पुरुष, 15 महिलाएं और 10 बच्चों के खेत जुतवाया करते थे। और पूछते हमसे थे कि बताओ इसी तरह 12 पुरुष, 17 महिलायें और 8 बच्चे उसी खेत को कितने दिन में जोतेंगे। घंटा! ये कौन सी खेत है बे तुम्हारी जो आज तक जुत ही रही है। और तुमपर तो कमीने केस ठोकुंगा मैं आज। साले बाल-मजदूरी करवाते हो! महिला दिवस बीते एक सप्ताह भी नहीं हुआ, और महिलाओं पर अत्याचार शुरू!

6) एक बड़ा ही अजीबोगरीब मेन्टल भी था। कमीने के पास तीन नल थे - A, B और C. पहले वाले नल को 20 मिनट चलाता, फिर दूसरे नल को 15 मिनट तक। इसके बाद साला गजब करता। तीसरा नल जो टंकी को खाली करता था उसे चला देता। और हमसे पूछता कि बताओ टंकी कितने देर में खाली होगी! बताओ है कोई जवाब इसका। साले जब तुझे नहाना ही नहीं था तो नल क्यों खोला! पानी बर्बाद करते हो! तुम जैसे अर्धपागलों के कारण ही ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बना हुआ है...

7 ) और प्लीज कोई मुझे बताओ कि वो मोटर चालक था आखिर कौन, जो A से B तक पहले 80 km/h की स्पीड से जाता और 50 km/h की स्पीड से वापस आ जाता था। तुम सिर्फ हमारे मजे लेने के लिए यहां से वहां भटकते फिरते थे! साले पेट्रोल को पानी समझ लिए थे क्या बे? और मेरे से पूछते हो औसत चाल! जवाब ही चाहिए तो ले सुन.. तुम्हारी चाल और चलन दोनों औसत से भी बहुत नीचे हैं। एक नंबर के आवारागर्द इंसान हो तुम। चुपचाप मईया-अब्बू के अंडर रहो और पढाई लिखाई चालू करो।

8 ) एक बड़े ही उजड़े चमन हुआ करते थे। अक्सर ये पूछते फिरते कि क्लास में लड़कियों की औसत उम्र लड़कों के संख्या की दुगुनी है। यदि 40 विद्यार्थियों की क्लास में लड़कों और लड़कियों का अनुपात 5:1 है तो बताओ लड़कियों की कुल उम्र क्या होगी?" अबे अक्ल से पैदल (on पैरागॉन चप्पल) पुरुष, क्या तुम्हें इतना भी नहीं मालूम कि माहिलाओं से उनकी उम्र नहीं पूछी जाती। बात करते हैं!

9) इसी तरह तीन आदमी हुआ करते थे, A, B और C जो किसी व्यवसाय में क्रमशः 50 हजार, 30 हजार और 20 हजार पूँजी लगाते थे। (हालांकि मैंने 1901 से 2011 तक के जनगणना के सारे कागजात देखे हैं, पर मुझे ये तीन नाम पूरे देश में कहीं नहीं मिले।) और हमसे पूछा जाता कि, "बता रे कुल लाभ 25 हजार हुआ हो तो C को कितना मिलेगा?" अबे मेको समझ क्या रखे हो बे तुम लोग! मेको कैशियर बहाल किये हो क्या बे? अबे केंकड़ों कुछ नहीं मिलेगा तुम दोनों को। C बईमान है साला। सब पैसे लेकर भाग रहा है। जाओ उसे जाकर पकड़ो पहले।

10) एक बेचारी गाय भी होती थी। मालिक के पास घास से पूरी तरह भरा मैदान होता था पर वो अत्याचारी बेचारी गाय को सिर्फ 10 मीटर लंबी रस्सी से बांधता। फिर मजे लेने के लिए गाय को चिढ़ाते हुए पूछता, "अब बोल कितना वर्गमीटर मैदान चरेगी तू?" कमीने इंसान, पेटा में शिकायत पेल दूंगा तो सारी अक्ल ठिकाने आ जायेगी। उनके डर से शाहरूख खान तक की फिल्मों में लिखा होता है, "No animals were harmed in this film." फिर तू शाहरूख तो क्या, चंकी पाण्डेय भी नहीं है बे।

11)एक शहर भी होता था। बहुत कमीना शहर था साला। यहां की जनसँख्या 50 हजार थी पहले। इसके बाद यहाँ के नागरिकों ने अपना रंग दिखाना शुरू किया। जनसँख्या में प्रतिवर्ष 12% की वृद्धि होने लगी। फिर हमसे पूछा गया कि बताओ बेटे  20 वर्ष के बाद कुल जनसँख्या कितनी हो जायेगी? सबसे पहले तो आदरणीय प्रश्नकर्ता महोदय.. आपने मेको समझ क्या रखा है? प्राथमिक विद्यालय का नियोजित शिक्षक! अरे दसवीं का छात्र हूँ यार! और कोई बताएगा कि इस शहर को ये हुआ क्या है? यहाँ के मर्द-औरतों के पास करने को कुछ नहीं है क्या... ?

12 )एक बड़ी गैरमानवीय हरकत भी होती थी। जब सरेआम यह बात कही जाती कि A की आय B की आय से 10% कम है तो B की आय A की आय से कितने प्रतिशत अधिक होगी! अबे नमकहराम इंसान! उसकी आय कम है तो क्या वो तेरे से मांगने आता है? उसके बच्चे की ट्यूशन फीस और बीवी की लिपस्टिक तू लेकर देता है? उसकी फटी चड्डी के लिये तू उसे एक कौड़ी भी देता है क्या? फिर क्यों पब्लिकली उसे बेइज्जत कर रहा है... उसका मनोबल गिरा रहा है? क्यों दूसरे के फटे में अपनी टांग घुसेड़ता है बे?

13) एक बड़ा ही क्रूर साहूकार भी होता था। ये बन्दा कुछ पैसे A को 10 साल के लिए 20% के वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज पर दिया करता था। और खींसें निपोरते हुए मेरे से पूछता कि, "बताओ बाबू 10 साल के अंत में मेको कितने पैसे कुल मिलेंगे?" अबे मैं तुम्हारा पीए नहीं हूँ। घंटा तुझे कुछ मिलेगा। एक तो इतने गरीब इंसान को पैसे देते हो, ऊपर से इतना भारी ब्याज भी वसूलते हो। सूदखोर कहीं के। मैं चला उसे ये बताने कि जाकर बैंक से कर्ज ले ले 10-12% ब्याज पर। कल आ जाएगा वो तुझे तेरा पैसा लौटने।

14) एक मैदान हुआ करता था। मजदूर मैदान के एक कोने में 30 मीटर गहरा, 20 मीटर चौड़ा और 25 मीटर लंबा एक गड्ढा खोदते और जो मिट्टी निकलती उसे बाकी बचे मैदान पर बिछा देते। और हमसे पूछे जाते कि बताओ मैदान की ऊंचाई कितनी बढ़ेगी? अबे बीपवालों, मैं क्या जमीन मापने वाला कोई अमीन हूँ? कितनी ऊंचाई बढ़ जायेगी बे इतनी सी मिट्टी से? 5 इंच बढेगी नहीं, उसी में बाबू साहब क़ुतुबमीनार का सपना देख रहे हैं.. बड़े आये!

15)एक बड़ा ही गरीब-दुखियारा आदमी भी होता था। इतना गरीब था कि यदि चीनी का मूल्य 25% बढ़ जाता तो ये गरीब उस नए मूल्य पर चीनी नहीं खरीद पाता। अतः ऐसी स्थिति में ये अपनी आवश्यकता में कुछ प्रतिशत कटौती कर देता, ताकि उसके खर्चे में कोई बढ़ोत्तरी ना हो! साला! चीनी खरीदेंगे... चाय पीयेंगे... शौक तो देखो शहजादे के! अबे चीनी ही तो है, नमक तो नहीं... घर में ना रहेगी तो कौन सा भूखे मर जाओगे बे? कईसे कईसे इंसान हैं इस धरती पर... देवा रे देवा!

16) पर सबसे खुशनसीब तो वो इंसान था जो यह जानना चाहता था कि 5 लीटर अल्कोहल में कितना प्रतिशत पानी मिलाऊँ जिससे मुझे 10% अल्कोहल का सॉल्युशन प्राप्त हो? पर मुझे ये कभी समझ में नहीं आया कि बन्दे को इतना कम अल्कोहल क्यों चाहिये?
पचा नहीं पाता है तो फिर पीये ही नहीं।😄😄😆😆😆


Sharabi

#rkbanshi

शराब की वजह से बरबाद हो चुके शराबी ने कभी न पीने की कसम ली

और घर से दारू की खाली बोतलें फेंकने लगा।

पहली बोतल फेंक कर बोला: तेरी वजह से मेरी नौकरी गई।

दूसरी फेंक कर बोला: तेरी वजह से मेरा घर बिका।

तीसरी बोतल फेंक कर बोला: तेरी वजह से मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गई।

चौथी बोतल उठाई तो वह भरी हुई निकली। 

शराबी: तू साइड में हो जा। तू बेकसूर है।

Customer Care

#rkbanshi

#rkbanshi

कस्टमर केयर अधिकारी को उस समय दिल का दौरा पड़ गया,
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जब एक लड़की ने फोन करके पूछा.....
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“मिस कॉल के लिए कोई पलान है क्या ?

Guessing

#rkbanshi

Height of guessing an answer......

Teacher - who was chandra gupta morya.

Pappu - He was cousin of ganpati bappa morya....

Vastu Shastr

#rkbanshi

Santa : मेरी बीवी Vastu-Shastra पर बहुत ही ज्यादा विश्वास करती है !

Banta : Great, क्या वो उसका उपयोग भी करती है ?

Santa : Oh-Yeah !! जब हमारा झगड़ा होता है तब,
वो कोई भी  'Vastu' उठा लेती है  और फिर उसका उपयोग  'Shastra' की तरह करती है.....
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